चीन ने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस टेलीविज़न के चीन के भीतर प्रसारण पर रोक लगा दी है। चीन ने बीबीसी पर अनुचित और असत्य पत्रकारिता करने की बात का दावा किया है। हाल के महीनों में चीन ने बीबीसी की कोरोना वायरस महामारी और शिनजियांग में वीगर मुसलमानों के शोषण पर रिपोर्टों की भी आलोचना की है। वहीं चीन के इस फैसले पर ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन में इंटरनेट और मीडिया पर सबसे सख़्त पाबंदियां लागू हैं। बयान में कहा गया है कि चीन का ये फ़ैसला दुनिया के सामने उसकी ही शाख कम करेगा। वहीं बीबीसी के एशिया एडिटर का कहना है कि चीन में बीबीसी वर्ल्ड सर्विस टीवी के प्रतिबंधित किए जाने का बहुत ज़्यादा असर नहीं होगा क्योंकि चीन में ये चैनल अधिकतर लोगों के लिए पहले से ही उपलब्ध नहीं था। बीबीसी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘हमें खेद है कि चीन के प्रशासन ने ये क़दम उठाया है. बीबीसी दुनिया के सबसे विश्वस्नीय अंतरराष्ट्रीय समाचार प्रसारकों में से एक है और दुनियाभर से पूरी निष्पक्षता से, बिना डर या पक्षपात के कहानियां रिपोर्ट करता है। चीन में ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पहले ही बैन थे लेकिन अब बीबीसी (BBC) के प्रसारण पर भी रोक लगा दी है। चीन की यह कार्रवाई बदले की भावना से प्रेरित बताई जा रही है। हाल ही में ब्रिटेन ने चीनी सरकारी चैनल सीटीजीएन (CGTN) का लाइसेंस रद्द कर दिया था और चीन ने एक सप्ताह पहले इसका जवाब देने की धमकी दी थी. इसके बाद चीन में बीबीसी के प्रसारण पर रोक लगा दी गई हालांकि चीन सरकार ने बीबीसी पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
Deepali Sharma
सम्पादक
खबर प्रवाह
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