May 6, 2024

Khabar Pravah

khabar Bina Ruke Sabse Pehle

चमोली आपदा- मुख्यमंत्री ने कहा राहत और बचाव कार्य पहली प्राथमिकता, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को क्रमशः 2 लाख और चार लाख के मुआवजे का ऐलान।

वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के बाद आज एक बार फिर देवभूमि आपदा से दहल उठी। उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी में आई आपदा के बाद सरकारी तंत्र के हरकत में आ गया। बचाव और राहत कार्य में पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा आईटीबीपी के कर्मियों ने फौरन ही मोर्चा संभाल लिया। प्रदेह सरकार ने आपदा में मृतकों के परिवार को चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा की है। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बचाव और राहत कार्य सरकार की पहली प्राथमिकता है, इसमें पूरी क्षमता से काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के मुताबिक चमोली में आई आपदा में कम से कम 125 लोगों के लापता होने की जानकारी है। सात शव बरामद कर लिए गए हैं। नुकसान का आकलन जारी है, जबकि कारण भी पता लगाया जा रहा है। वहीं, उन्होंने आपदा में मृतकों के परिवार को चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा की है।

देर शाम आपदा कंट्रोल रूम का निरीक्षण करने के बाद मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा नीति घाटी में रेणी गांव के पास ऋषि गंगा में अचानक पानी और मलबा आने की जानकारी मिली थी। यहां पर दो जल विद्युत परियोजनाएं हैं और दोनों को ही नुकसान हुआ है। करीब 13 मेगावाट की एक परियोजना में 35-36 लोग काम करते थे। इसी परियोजना से पांच किलोमीटर की दूरी पर निर्माणाधीन एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना में करीब 176 श्रमिक कार्यरत थे, उनका रिकॉर्ड गायब हो गया है। मुख्यमंत्री के मुताबिक बचाव एवं राहत कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया था। उन्होंने खुद हवाई सर्वे किया और इसके बाद गाड़ी से रेणी गांव तक पहुंचे। देर शाम तक पानी का बहाव श्रीनगर आते-आते धीमा हो गया था और इससे आगे किसी खतरे की आशंका नहीं जताई जा रही है। करीब 40 लोगों को बचा भी लिया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समय सरकार का पूरा ध्यान राहत और बचाव पर है। देर शाम तक धौली गंगा पर रैणी गांव को अन्य से जोड़ने वाला 90 स्पान का मोटर पुल और चार अन्य झूला पुलों के बहने की जानकारी है। धौली गंगा के एक किनारे पर करीब 17 गांव हैं, जो सड़क न होने के कारण संपर्क से कट गए हैं। इनमें से 11 गांव माइग्रेटरी हैं और सर्दियों में इन गांवों के लोग गोपेश्वर आ जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन एवं डीआईजी गढ़वाल श्रीमती नीरू गर्ग के साथ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली से पूरी जानकारी ली।

मुख्य सचिव ओम प्रकाश एवं सचिव आपदा प्रबंधन एस.ए.मुरूगेशन ने आपदा प्रबन्धन केन्द्र सचिवालय में मौजूद रहकर लगातार स्थिति पर नजर रखी तथा आवश्यक दिशा निर्देश भी जिलाधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस क्षेत्र में एक बड़ा तथा 4 छोटे पुलों को नुकसान पहुंचा है। इससे प्रभावित लगभग 11 गांवों को आवश्यक सहायता आदि उपलब्ध कराने के लिये आर्मी हेलीपैड एवं एसडीआरएफ के जवानों के साथ ही आर्मी एवं राज्य सरकार के हेलीकाप्टरों की व्यवस्था के साथ ही आवश्यक चिकित्सा सुविधा के लिये डाक्टरो की भी व्यवस्था की गई है। रैणी के निकट नीति घाटी को जोडने वाले जिन सड़कों एवं पुलों को हुए नुकसान से जिन गांवों का सड़क से सम्पर्क टूट गया है उनमें गहर, भंग्यूल, रैणी पल्ली, पैंग, लाता, सुराईथोटा, तोलमा, फगरासु आदि गांव शामिल है, तथा पुलों में रैणी मे जुगजू का झूला पुल, जुवाग्वाड-सतधार झूलापुल, भग्यूल-तपोवन झूलापुल तथा पैंग मुरण्डा पुल बह गया है। रैणी मे शिवजी व जुगजू मे मां भगवती मंदिर भी आपदा मे बह गए है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि एनडीआरएपफ की टीम दिल्ली से आई है और कल और जवान आएंगे। आर्मी, पैरामिलिट्री फोर्स और हमारे डाॅक्टर आपदा स्थल पर तैनात किए गए हैं।

ऐरियल सर्वे कर उन्होंने स्वयं स्थिति का जायजा लिया। किसी भी प्रकार की जरूरत पड़ने पर वहां आर्मी, वायुसेना और राज्य के हेलीकाॅप्टर तैनात कर दिए हैं। हमारी मेडिकल टीम हर परिस्थिति के लिए तैयार है और 90 जवानों को भी वहां पहुंचा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जब खबर लगी तो उन्होंने उनसे फोन पर बात कर चिंता व्यक्त की और कहा कि मदद की जरूरत पड़ने पर वे मदद के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने मृतक आश्रितो को 02-02 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा भी की है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के साथ ही गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, सीडीएस जनरल विपिन रावत आदि ने भी हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। आचार्य बालकृष्ण ने सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि वे अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए तैयार हैं और हर स्थिति में सरकार के साथ हैं। शान्तिकुंज एवं विवेकानन्द अस्पताल पीपलकोटी ने भी सहयोग का आश्वासन दिया है। जोशीमठ से सेना के 40 जवानों का एक दल तपोवन पहुंच गया है। एक दल जोशीमठ में है। दो सैन्य दल औली से जोशीमठ के लिए रिलीफ आपरेशन के लिए आ चुके हैं। रूद्रप्रयाग में दो सैन्य दल तैयार रखे गये है।

एक इंजिनियरिंग टास्क फोर्स जोशीमठ से तपोवन पहुंच गया है। 02 मेडिकल आफिसर एवं दो एम्बुलेंस तपोवन पहुंच चुके हैं। आर्मी का हैलीपैड सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के लिए चालू है। कम्यूनिकेशन के लिए सिविल लाईन चालू है। बरेली से दो हैलीकाॅप्टर भी जोशीमठ पहुंच गये हैं। उत्तराखंड के लिए रविवार का दिन काफी बुरा रहा चमोली जिले से एक बहुत बड़ी दुखद खबर सामने आई जिस खबर से पूरे उत्तराखंड के साथ ही साथ देश विदेश तक कोहराम मचा दिया चमोली जिले में ग्लेशियर फटने के बाद नदी ने ऐसी तबाही मचाई जिससे जहां-जहां नदी का पानी जाता रहा सभी जगह सुनसान और विराना करता हुआ चला गया जहां अभी तक सरकारी आंकड़ों की और स्थानीय लोगों की बात मानी जाए तो लगभग दर्जनों से अधिक मौतें और डेढ़ सौ से अधिक लोग लापता होने की सूचना बताई जा रही है हालांकि अभी यह आंकड़े कम और ज्यादा भी हो सकते हैं लेकिन यह दुखद खबर फिर से आपदा को याद दिलाती है।