May 18, 2024

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काशीपुर में बंदरों की मौत के मामले में आरोपियों को पुलिस ने पहुंचाया सलाखों के पीछे, किये 9 गिरफ्तार, देखिये वीडियो।

ख़बर प्रवाह (19 जून, 2023)

काशीपुर के आईटीआई थाना क्षेत्र में बीते रोज आम के बाग में बंदरों की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने हिरासत में लिए सभी 9 व्यक्तियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने गिरफ्तार सभी अभियुक्तों को आज न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया।

दरअसल बीते रोज काशीपुर में बाजपुर रोड पर स्थित जैतपुर फार्म के पास करीब 90 एकड़ में फैले आम के बाग में दो दर्जन से अधिक बंदरों के संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की स्थानीय लोगों के द्वारा 112 पर आम के बाग में बंदरों को जहर देकर मारने की सूचना पर आईटीआई थाना प्रभारी आशुतोष कुमार सिंह पुलिस बल के साथ आम के बाग में पहुंचे तो वहां पर देखा कि दर्जनों बंदर मृत पड़े थे। मृत बंदरों के शवों को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज पशु चिकित्सालय ले आयी। वहीं इसी बीच ख़बर मिलने के बाद स्थानीय लोगों का हुजूम मौके पर जुट गया और सभी बाग की रखवाली करने वाले सभी अभियुक्तों को दबोच लिया। आम के बाग में मैनेजर समेत कुल 9 लोग थे। पुलिस सभी को हिरासत में लेकर थाने ले आयी।

सीओ काशीपुर वन्दना वर्मा ने आज आईटीआई थाने में खुलासा किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि कल 112 के माध्यम से सूचना पर आम के बाग में पुलिस पहुंची थी। जिसके बाद पुलिस ने आम के बाग में पहुंचकर आक्रोशित भीड़ को शांत कराया तथा उसके बाद आम में कॉम्बिंग करके वहां मिले गड्ढों में से 8 बंदरों को निकालकर पशु चिकित्सालय लाया गया और पोस्टमॉर्टम करवा गया। इस दौरान पुलिस मौके से बाग के ठेकेदार और उसके 8 सहयोगियों को पुलिस तत्काल हिरासत में ले आई। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम मैनेजर जान मोहम्मद पुत्र शेर मोहम्मद निवासी दुनका थाना शाही जिला बरेली हाल निवासी जैतपुर फार्म, इमामुद्दीन पुत्र शफीक अहमद निवासी चचैट थाना शीशगढ़ जिला बरेली, छोटे खां पुत्र ताहिर खान निवासी दुनका थाना शाही जिला बरेली, इमरान पुत्र इकरार निवासी दुनका थाना शाही जिला बरेली, अफजाल पुत्र नबी हसन निवासी उपरोक्त, अनवार पुत्र हमीद निवासी उपरोक्त, इकरार शाह पुत्र अबरार शाह निवासी उपरोक्त, नदीम पुत्र वकील अहमद निवासी उपरोक्त व मुबारिक पुत्र जमील अहमद निवासी उपरोक्त बताया। पुलिस सख्त पूछताछ में हिरासत में लिए गए लोगों ने बताया कि दिल्ली के रहने वाले संदीप शर्मा से उन्होंने यह बाग लीज पर लिया था। वन्यजीवों के द्वारा बाद में नुकसान पहुंचाए जाने के दृष्टिगत उन्होंने छुटकारा पाने के लिए उन्होंने जहरीली दवा उनको दे दी। इसके बाद मंदिरों के मृत पाए जाने पर इन्होंने उन्हें गड्ढा खोदकर दबा दिया। सभी आरोपियों पर धारा 295क आईपीसी, 11ठ पशु क्रूरता अधिनियम एवं धारा 9/51 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। सभी को कोर्ट में पेश करके जेल भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि बाग के स्वामी संदीप शर्मा का भी पुलिस एक्ट में चालान किया जाएगा।