May 20, 2024

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काशीपुर में माँ बाल सुन्दरी देवी का डोला चैती मंदिर से नगर मंदिर पहुँचा, देखिये वीडियो।

खबर प्रवाह (05 अप्रैल, 2023)

काशीपुर में आज सुबह तड़के मां बाल सुंदरी देवी का डोला चैती मंदिर से वापस मोहल्ला पक्काकोट स्थित पंडा आवास नगर मंदिर पहुँचा। इस दौरान डोले के संग हजारों की संख्या में माँ के भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान पुलिस प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए थे।

आपको बताते चलें कि बीती 22 मार्च को काशीपुर के माँ बाल सुंदरी देवी परिसर में आयोजित होने वाले चैती मेले का विधि विधान के साथ एवं ऊधम सिंह नगर जिले के जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त के द्वारा फीता काटकर उद्घाटन किया गया था। जिसके बाद सप्तमी और अष्टमी तिथि यानि कि 28-29 मार्च की मध्य रात्रि मां का डोला नगर के मोहल्ला पक्काकोट पंडा आवास स्थित नगर मंदिर से चैती मंदिर के लिए हजारों भक्तों के हुजूम के साथ प्रस्थान किया था। जिसके बाद स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ-साथ दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने मां के चैती मंदिर भवन में पहुंचकर मां के दर्शन किए तथा प्रसाद चढ़ाते हुए मन्नत मांगी। चैती मंदिर में 6 दिन विराजमान होने के बाद मां भगवती बाल सुंदरी देवी मध्य रात्रि चैती मंदिर से नगर मंदिर के लिए रवाना हुई और सुबह तड़के 4:00 बजे मां डोली में सवार होकर वापस नगर मंदिर पहुंची जहां से वह 1 साल के लिए गुप्त स्थान में चली गयीं। मां बाल सुंदरी देवी का डोला चैती मंदिर से नगर मंदिर प्रस्थान करने से पूर्व मां के दर्शनों के लिए मां बाल सुंदरी देवी मंदिर में प्रसाद चढ़ाने और माँ के दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी तो वही वॉलिंटियर्स ने भी अपनी महती भूमिका निभाई। भगवती देवी मां बाल सुंदरी देवी मंदिर के मुख्य पंडा के तौर पर कार्यरत पंडा विकास अग्निहोत्री ने बताया कि भगवती मां बाल सुंदरी देवी का डोला चैती मंदिर से नगर मंदिर के प्रस्थान करने से पूर्व धार्मिक अनुष्ठान पूरे तंत्रोविधान के साथ पूजन हुआ। इसके बाद औपचारिक बलि और कटरा पूजन हुआ। उसके बाद पूर्णाहूति और आरती की प्रक्रिया पूरी करने के बाद मां का डोला मंदिर से नगर मंदिर के लिए प्रस्थान हुआ। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां के डोले के साथ चले। उन्होंने कहा कि इसके बाद मां 1 साल के लिए विधिवत पूजा अर्चना के साथ गुप्त स्थान पर गुप्त वास के लिए चली गई।