ख़बर प्रवाह (23 अगस्त, 2023)
उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक आसमानी आफत बारिश के रूप में कहर ढा रही है। काशीपुर में मधुवन नगर ढेला बस्ती में बीते दिनों मकानों के ढेला नदी में समाए जाने के बाद देर रात्रि में नागेस्वर मन्दिर की पिछली दीवार भरभराकर ढह गई। स्थानीय लोगों के मुताबिक मन्दिर की पिछली दीवार के साथ शिवलिंग भी ढह गया।
आपको बताते चलें कि पिछले दिनों पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश अपना कहर बरपा रही है। काशीपुर में पिछले दिनों पहाड़ पर हो रही बारिश के बाद उफान पर आई ढेला नदी के उफान पर आने के बाद वार्ड नं 12 मधुवन नगर ढेला बस्ती में आधा दर्जन के करीब मकान नदी में समा गए थे। अब एक बार फिर ढेला नदी में उफान पर आने के बाद वहां स्थित नागेश्वर मंदिर की की पिछली दीवार ढह गई। मधुवन नगर वार्ड नंबर 12 में मकानों के गिरने का अभी भी सिलसिला जारी है। वहीं नागेश्वर मंदिर भी लगभग ढहने की कगार पर है। इस मंदिर में दरारें आने के बाद भी कोई माकूल व्यवस्था नहीं की गई और इसी लापरवाही का परिणाम देखते देखते मंदिर ढहना शुरू हो गया। वार्ड के पूर्व पार्षद और वर्तमान में पार्षद पति अब्दुल कादिर ने बताया कि पिछली 8 अगस्त से उनके द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से ढेला नदी से मंदिर पर खतरे को लेकर चेताया जा रहा था। इसके बावजूद भी स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों द्वारा नागेश्वर मन्दिर और स्थानीय लोगों के बचे हुए मकानों को बचाने के कोई प्रयास सरकार द्वारा नहीं किये गए और नजरअंदाज किया गया। ढेला नदी का भारी बारिश के चलते रात्रि में अचानक जलस्तर बढ़ने से एक मकान की बुनियाद ढह गई और मन्दिर की पिछली दीवार ढह गई। वहीं मंदिर का शिवलिंग भी ढेला नदी में समा गया। स्थानीय निवासी मंगल सिंह के मुताबिक स्थानीय अधिकारी तो अपनी तरफ से प्रयास कर रहे हैं लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों विधायक से लेकर मेयर तक के द्वारा मौके पर जाकर जाकर किसी तरह की कोई सुध नहीं ली गयी।






Deepali Sharma
सम्पादक
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